Pahalgam Terror Attack के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए इस भयावह आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई। इस हमले के बाद भारत ने एक बड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को निलंबित कर दिया है। भारत के इस सख्त कदम के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। आइए जानते हैं कि पाकिस्तान ने इस पर कैसी प्रतिक्रिया दी है।
भारत ने निलंबित की सिंधु जल संधि
Pahalgam Terror Attack के बाद भारत ने साफ कर दिया है कि अब आतंकी गतिविधियों का सीधा जवाब दिया जाएगा। इसी कड़ी में भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, जो कि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच बनी थी। इस फैसले से पाकिस्तान बुरी तरह घबराया हुआ नजर आ रहा है। भारत के इस कदम से पाकिस्तान के पानी के संसाधनों पर बड़ा संकट आ गया है। लेकिन पाकिस्तान ने जो प्रतिक्रिया दी है, वह हैरान करने वाली है। पाकिस्तान सरकार ने सिंध प्रांत के चोलिस्तान नहर परियोजना को रोकने का फैसला कर लिया है। अब सवाल उठता है कि जब पानी ही नहीं बचेगा, तो नहर बनाकर पाकिस्तान क्या करेगा?

सिंध में मचा बवाल
चोलिस्तान नहर परियोजना की शुरुआत इस साल फरवरी में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर और पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ ने मिलकर की थी। इस परियोजना का मकसद पंजाब प्रांत के रेगिस्तानी इलाकों को सिंचित करना था। लेकिन जैसे ही यह प्रोजेक्ट शुरू हुआ, सिंध प्रांत में जोरदार विरोध शुरू हो गया। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) सहित कई राजनीतिक दलों ने इस परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि PPP खुद केंद्र सरकार में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के साथ सत्ता में साझेदार है। इस विरोध ने पाकिस्तान के अंदरूनी हालात को और भी जटिल बना दिया है।
शरीफ और बिलावल एक सुर में
भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक नेतृत्व को भी झटका लगा है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने PPP अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी से मुलाकात की और दोनों ने चोलिस्तान नहर परियोजना को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमति जताई। दोनों दलों ने यह तय किया कि जब तक ‘काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट’ जो कि प्रांतों के बीच विवाद सुलझाने के लिए बनाई गई उच्च स्तरीय संस्था है में सहमति नहीं बनती, तब तक इस विवादास्पद परियोजना पर कोई काम आगे नहीं बढ़ेगा। इस फैसले से साफ है कि पाकिस्तान के अंदर भी प्रांतों के बीच पानी को लेकर गहरी खाई बनती जा रही है।
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आपसी सहमति से ही होगा निर्णय
‘डॉन’ अखबार के मुताबिक, प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बताया कि PPP और PML-N के बीच पानी और नहरों के मसले पर गहन बातचीत हुई है। शरीफ ने कहा, “दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से फैसला किया है कि जब तक सभी प्रांतों की सहमति नहीं बनती, तब तक नई नहर परियोजनाओं पर कोई काम नहीं होगा।” इस बयान से साफ जाहिर है कि पाकिस्तान अब भारत के निर्णय के सामने मजबूर नजर आ रहा है। पाकिस्तान जानता है कि भारत के सिंधु जल संधि को निलंबित करने का असर उसके कृषि और पेयजल संकट पर सीधे तौर पर पड़ेगा।
निष्कर्ष
Pahalgam Terror Attack के बाद भारत ने सख्त कदम उठाकर न केवल अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है, बल्कि पाकिस्तान को भी स्पष्ट संदेश दिया है। वहीं पाकिस्तान अपने आंतरिक विरोध और संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। आने वाले दिनों में इस मसले पर और भी बड़े घटनाक्रम देखने को मिल सकते हैं। इस बीच, भारत की कूटनीतिक और रणनीतिक मजबूती भी एक बार फिर सामने आई है।
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